
बिलासपुर
मस्तूरी ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत गुड्डी के पूर्व सरपंच प्रतिनिधि एवं वर्तमान सरपंच दुर्गा प्रसाद साहू के बीच गहरे आपसी रंजीश के कारण ग्रामीणों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि सरपंच के निर्देश पर शासकीय भूमि पर वर्षों से बसे कुछ चुनिंदा परिवारों के घरों को जबरन तोड़ा गया है। जबकि इस जमीन का बड़ा हिस्सा अभी भी आबादी का है और उस पर कई अन्य परिवार भी रहते हैं, जिनके घर अभी भी खड़े हैं। आरोप है कि इन घरों को तोड़ने के दौरान किसी समानता का पालन नहीं किया गया और सिर्फ निर्दिष्ट परिवारों को निशाना बनाया गया। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जमीन पर कोई योजना है तो सभी बसे हुए घरों को तोड़ा जाना चाहिए, परंतु आपसी रंजिश के चलते केवल कुछ परिवारों को ही निशाना बनाया गया है।
पीड़ित ग्रामीण लखन लाल साहू एवं उनकी पत्नी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सरपंच बार-बार उन्हें परेशान कर रहे हैं और धमकियां दे रहे हैं। उनका आरोप है कि सरपंच अपने आप को शक्ति का स्रोत मानते हुए कहते हैं कि शासन और प्रशासन सब उनके हाथ में है। इसी तरह दिनेश कुमार लोनिया का कहना है कि उनके आशियाने को भी सरपंच के आदेश पर तोड़ा गया है, जिससे उनके परिवार का जीवन संकट में पड़ गया है। इन घरों के टूटने से ग्रामीणों का रोजगार खत्म हो गया है और खाने-पीने का संकट गहरा गया है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि घर तोड़े जाने के बाद से उनके पास रोजगार का कोई साधन नहीं बचा है।
ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से अपील की है कि इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप कर उचित कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो उनके जीवन में और भी संकट आ सकते हैं। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि सरपंच की धमकियों और रंजिश के कारण वे भयभीत हैं। ग्रामीणों ने सरकार से न्याय की आशा व्यक्त करते हुए कहा है कि इस समस्या का शीघ्र समाधान किया जाए और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाया जाए।

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