*भातखंडे संगीत महाविद्यालय की हीरक जयंती — सुरों की साधना के 75 वर्ष पूर्ण... सुर, ताल और नृत्य का पर्व...तीन दिवसीय होगा समारोह*
बिलासपुर। संगीत की सुरमयी परंपरा और साधना के प्रतीक भातखंडे संगीत महाविद्यालय, बिलासपुर ने अपनी स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण कर 76वें वर्ष में प्रवेश कर लिया है। इस गौरवशाली अवसर पर महाविद्यालय द्वारा “हीरक जयंती समारोह” का भव्य आयोजन किया जा रहा है।
तीन दिवसीय यह समारोह 15, 16 और 17 नवंबर 2025 तक चलेगा, जिसमें देशभर के नामचीन कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से शहर के संगीत प्रेमियों को भारतीय शास्त्रीय संगीत की मधुर दुनिया में ले जाएंगे।
समारोह की जानकारी बिलासपुर प्रेस क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान दी गई। इस अवसर पर महाविद्यालय के संस्थापक संचालक डॉ. विपुल चक्रवर्ती, प्राचार्या ममता चक्रवर्ती एवं अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव उपस्थित थे।
*75 वर्षों की संगीत यात्रा*
भातखंडे संगीत महाविद्यालय की स्थापना बसंत पंचमी, सन् 1950 को श्रीमती इंदु चक्रवर्ती और स्वर्गीय सुधांशु शेखर चक्रवर्ती ने की थी। आरंभिक वर्षों में विद्यार्थियों की परीक्षा लखनऊ संगीत विद्यापीठ, उत्तर प्रदेश से होती थी। बाद में सन् 1955-56 में संस्थान को इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ से मान्यता प्राप्त हुई।
तब से अब तक यह महाविद्यालय स्नातक, स्नातकोत्तर एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है। अब तक लगभग 5000 से अधिक विद्यार्थी यहां से शिक्षा प्राप्त कर संगीत जगत में अपनी पहचान बना चुके हैं।
*संस्थान के गौरव*
महाविद्यालय के कई पूर्व विद्यार्थी आज संगीत जगत में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुके हैं —
अर्णव चटर्जी — कई छत्तीसगढ़ी फिल्मों में संगीत निर्देशन व संयोजन।
आदित्य चक्रवर्ती — बोल बच्चन जैसी प्रसिद्ध हिंदी फिल्मों में साउंड अरेंजर और संगीत निर्देशन।
*मान्यता व उपलब्धियां*
महाविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से 2(f) और 12(B) के अंतर्गत मान्यता प्राप्त है।
तीन पंचवर्षीय योजनाओं तक उपस्कर एवं ग्रंथालय अनुदान प्राप्त हुआ।
जिला शिक्षा अधिकारी, बिलासपुर से स्थायी मान्यता तथा शत-प्रतिशत अनुदान।
नियमित रूप से गुरु पूर्णिमा, विष्णु द्वय पुण्यतिथि, वसंत पंचमी (स्थापना दिवस) सहित विभिन्न सरकारी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन।
*उल्लेखनीय आयोजन*
सन् 2000 में स्वर्ण जयंती समारोह के दौरान भरथरी लोक विधा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी,
सन् 2009 में “हरेली से होली तक” नाट्य मंचन और पाश्चात्य नृत्यशैली पर वृहद् वर्कशॉप आयोजित की गई थी।
वर्तमान सत्र 2025-26 में महाविद्यालय में 240 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
*भविष्य की योजनाएं*
महाविद्यालय ने आगामी वर्षों के लिए कई आधुनिक योजनाएं तय की हैं —
टीवी सीरियल व विज्ञापनों के लिए संगीत निर्माण प्रशिक्षण।
म्यूजिक अरेंजर, कंपोजर, ऑर्केस्ट्रा कम्पोजर एवं साउंड इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम।
रिकॉर्डिंग, डबिंग, वीडियो मिक्सिंग, साउंड एनिमेशन की आधुनिक सुविधाएं।
आदर्श संगीत ऑडिटोरियम एवं नए भवन निर्माण की योजना।
संगीत द्वारा रोगोपचार (म्यूजिक थेरेपी) पर अनुसंधान की दिशा में पहल।
*कार्यक्रम का विस्तृत विवरण*
*दिनांक 15 नवंबर 2025, सायं 5:30 बजे*
अथर्व भालेराव — वायलिन वादन
अनिरुद्ध देशपांडे — गायन
*दिनांक 16 नवंबर 2025, सायं 5:30 बजे*
सुश्री अत्री कोटाल — शास्त्रीय गायन
सुश्री मानसी दांडेकर — कथक नृत्य
*दिनांक 17 नवंबर 2025, सायं 5:30 बजे*
यशवंत वैष्णव — तबला वादन
आदित्य मोडक — शास्त्रीय गायन
75 वर्षों की यह संगीत यात्रा न केवल बिलासपुर बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का विषय है।
भातखंडे संगीत महाविद्यालय ने जिस प्रकार संगीत शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाया है, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।
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