यदूवंशियो ने शोभा यात्रा में दिया संदेश ।।

शुभारंभ शनिवार दोपहर 12 बजे लाल बहादुर शास्त्री स्कूल मैदान से हुआ। हजारों की संख्या में समाज के और अन्य श्रद्धालु शोभायात्रा में उमड़ पड़े। यात्रा गोलबाजार, सदर बाजार, देवकीनंदन चौक, नेहरू चौक, स्व. बी.आर. यादव प्रतिमा स्थल और बृहस्पति बाजार होते हुए लखीराम ऑडिटोरियम पहुंची। यहाँ आमसभा के रूप में कार्यक्रम का समापन हुआ। यात्रा के दौरान विविध सांस्कृतिक झलकियों ने सभी का मन मोह लिया। डीजे और धुमाल की ताल पर युवाओं ने झूमकर नृत्य किया। गड़वा बाजा, यादव नृत्य और पारंपरिक राउत नाचा ने संस्कृति की सजीव झलक प्रस्तुत की। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की जीवंत झांकियाँ विशेष आकर्षण का केंद्र रहीं। इन झांकियों में बाल कृष्ण, माखन चोरी, गोकुल की लीलाएँ और कुरुक्षेत्र की महाभारत जैसी प्रस्तुतियाँ शामिल थीं।
इसशास्त्री स्कूल मैदान से हुआ। हजारों की संख्या में समाज के और अन्य श्रद्धालु शोभायात्रा में उमड़ पड़े। यात्रा गोलबाजार, सदर बाजार, देवकीनंदन चौक, नेहरू चौक, स्व. बी.आर. यादव प्रतिमा स्थल और बृहस्पति बाजार होते हुए लखीराम ऑडिटोरियम पहुंची। यहाँ आमसभा के रूप में कार्यक्रम का समापन हुआ। यात्रा के दौरान विविध सांस्कृतिक झलकियों ने सभी का मन मोह लिया। डीजे और धुमाल की ताल पर युवाओं ने झूमकर नृत्य किया। गड़वा बाजा, यादव नृत्य और पारंपरिक राउत नाचा ने संस्कृति की सजीव झलक प्रस्तुत की। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की जीवंत झांकियाँ विशेष आकर्षण का केंद्र रहीं। इन झांकियों में बाल कृष्ण, माखन चोरी, गोकुल की लीलाएँ और कुरुक्षेत्र की महाभारत जैसी प्रस्तुतियाँ शामिल थीं।
इस वर्ष समाज ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए पूर्व में अलग-अलग गुटों में निकलने वाली शोभायात्राओं को समाप्त कर पूरे जिले की एकजुट शोभायात्रा निकाली। इस पहल ने समाज में एकता और सहभागिता का संदेश दिया। समिति के पदाधिकारियों का कहना था कि यह कदम केवल जिले तक सीमित नहीं है बल्कि प्रदेशभर में यादव समाज की शक्ति और भाईचारे संदेश दिया।
आमसभा में समाज के प्रतिनिधियों ने यादव समाज की एकजुटता, परंपराओं और गौरव का बखान किया। उन्होंने कहा कि जन्माष्टमी केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज की एकता, संस्कार और सांस्कृतिक धरोहर को जोड़ने वाला पर्व है। इस अवसर पर समाज के वरिष्ठजनों ने युवाओं को शिक्षा, संगठन और सामाजिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया। जगह-जगह समाजजन और नागरिकों ने पुष्प वर्षा कर यात्रा का स्वागत किया। लोग भगवान श्रीकृष्ण के भजनों और नारों के साथ श्रद्धा भाव से यात्रा में शामिल रहे।
 जन्माष्टमी पर निकली यह भव्य शोभायात्रा श्रद्धा, आस्था और सांस्कृतिक वैभव की अनूठी मिसाल बनी।।