2 अक्टूबर को 50 वर्ष हो जायेंगे गंधियाव प्रकाशन को।। प्रतिमाह होगा सम्मान समा,




*स्वर्ण जयंती वर्ष में प्रति माह आयोजित किया जाएगा सम्मान समारोह*  


दो अक्टूबर को श्री हनुमान पुस्तकालय गंधियांव करेगा पचासवें वर्ष में प्रवेश  


प्रयागराज | 
यमुनापार प्रयागराज में अपने स्थापना काल से ही साहित्यिक सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों के लिए विख्यात श्री हनुमान पुस्तकालय गंधियांव करछना प्रयागराज आगामी दो अक्टूबर को उनचास वर्ष पूरा करके पचासवें वर्ष में प्रवेश करने जा रहा है | यह पुस्तकालय अपने स्थापना काल से ही क्षेत्र में विभिन्न साहित्यिक सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों के लिए विख्यात रहा है | पचासवें वर्ष को स्वर्ण जयंती वर्ष के रूप में मनाने के लिए पुस्तकालय समिति ने तैयारी शुरू कर दी है और अक्टूबर 2025 से सितम्बर 2026 तक प्रति माह विभिन्न स्थानों पर प्रतियोगिताओं एवं सम्मान समारोह के माध्यम से क्षेत्र की प्रतिभाओं को सम्मानित किया जाएगा |  
    उपरोक्त जानकारी पुस्तकालय के संस्थापक और व्यवस्थापक डा० भगवान प्रसाद उपाध्याय ने देते हुए बताया कि दो अक्टूबर 1976 को जय जवान जय किसान का नारा देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के जन्म दिन पर स्थापित श्री हनुमान पुस्तकालय गंधियांव करछना प्रयागराज अपने स्थापना काल से ही क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं और आयोजनों की श्रृंखला चलाकर विद्यार्थियों, खिलाड़ियों, समाज सेवियों, पत्रकारों कवियों व साहित्यकारों को सम्मानित करता रहा है |